प्रेम और प्यार का मतलब तो जानो

मित्रो आज कुछ सबसे  ज्यादा खास बात पर चर्चा कर रहा हु वो है :- प्रेम और प्यार का सही मतलब.. आप को यह जान कर हैरानी हौगी की 99% लोग प्रेम और प्यार का सही मतलब नही समझते तो आईये इन दोनो को हम कुछ खास तथ्यो से समझै..

(1) क्या होता है प्रेम और क्या होता है प्यार :-
                                                             यु तो प्रेम का कोई मतलब नही होता है क्यौ की जहा मतलब हो वहा प्रेम नही सबसे पहले यह की आप प्रेम हर किसी से कर सकते हौ क्यौ की जब आप किसी को प्रेम करते हो मतलब आप उसे पसंद करते हो चाहे वह कोई इंसान हो या कोई वस्तु या कोई स्थान या कोई जानवर परंतु आप प्यार सभी से नही कर सकते है यह सिर्फ आप किसी एक शक्स को ही कर सकते हो , आप जब किसी से प्रेम करते है तो बदले मै कुछ भी नही पाने की आशा रखते परंतु प्यार के बदले तो प्यार ही चाहिऐ वरना आप दु:खी हो जाऐंगे आपका प्रेम आपकी और सभी को आकर्शित करेगा परंतु आपका प्यार बस कुछ ही को आपके प्रेम से आप समाज मै अच्छी छबी बना सकते है परंतु आपका प्यार आपको समाज मै लज्जित कर सकता है..

(2) क्यु प्रेम सर्वपरी और प्यार फरेबी :-
                     
              "प्रेम करन मै चला मुझे मिला संसार,
            जो प्यार की बात की तो धोखा मिला उपहार"

                  आप ईन दो लाईनो मे मैरी कुछ बात तो समझ गये हौंगे की आप जब किसी से प्रेम करते है तो आपको कभी धोखा नही मिलता क्यौ की आप को कुछ आशा ही नही है पाने की तो धोखा कहा से उसके विपरीत आप किसी से प्यार करते है और उसका प्यार आपको न मिले तो आपके साथ धोखा होता है न और अगर आपका प्यार आपको मिल भी जाये तो किसी और के साथ तो धोखा जरुर होता है न जो उससे पहले से प्यार करता होगा ,प्रेम सर्वपरि इसी लिऐ है की हम इसमे जितना खोजाऐगे उतने ही आप से लोग जुड़ते जायेंगे, .....

(3) रिस्ते बनाता है प्रेम और रिस्ते बिगाड़ता है प्यार :-
           
           "प्रेमी बनीये जगत मे मिले हजारो साथ,
        फस गये प्यार मे तो खुद ही मलते रहिऐ हाथ"

                  कुछ समझे आप या नही अभी तक चलो इस मुल तथ्य से और समझने की कोशिश करते है जेसा की जानते ही होगें की अगर आप का व्यवहार प्रेमी है तो आपके रिस्ते ज्यादा और मजबुत बनेगें और अगर आप बस प्यार चाहते है तो पुरी दुनिया के रिस्ते आप से खराब हो जायेगें यह तक की आपके माता पिता भी आपके खिलाफ हो जायेंगे , अगर आप प्रेमी है तो आपके कई मित्र आप पर अपनी जान न्यौछावर करेगें परंतु अगर आपको बस प्यार ही चाहिऐ तो आपका साथ कोई नही देता तो प्रेम सही मायने मे रिस्ते बनाता है और प्यार रिस्ते बिगाड़ता है, ...

(4) प्रेम प्रोतसाहित करता है और प्यार पागल कर देता है :-
      
        "प्रेमी बनकर रहेगें तो गुण मिलेगें उपहार,
          प्यार के मारे बन गये तो न होवे उपचार"

                   आप प्रेमी है तो आपको समाज मे एक अलग नजरिऐ से देखा जायेगा आपकी बाते हर जगह अच्छी होगी आप हर किसी से मिलेगें तो आपको उनके गुणो का असर तो होगा आप पहले से ही प्रेमी और फिर मिलने वाले भी अच्छे हौगें तो आपके गुण हमेशा बड़ेगे वही दुसरी तरफ आप प्यार मे पड़ गये तो आप पागल हो जायेगें अब आप करेगें की प्यार मिलने से पागल केसे तो मे आपको बता दु की प्यार जब तक नही मिलता इसांन उसकी चाहत मे पागल रहता हे और जब मिल जाता हे तो उसकी खुशी मे पागल रहता है , तो आप प्यार मे पड़ गये तो पागल होना निश्चित हे और ये पागलपन का कोई इलाज भी नही है आप प्यार मे अकेले हो जाते है कोई साथ नही देता , 

                     मै अपनी बात यही खतम करता हु आप से अनुरोध है की जो भी करे सोच समझकर करे और आप मुझे जरुर बताये की आपको ये ब्लोग केसा लगा मुझे इन्तज़ार रहेगा आपके सुझाव का ... धन्यवाद आपका ....
अर्जुन प्रताप मेवाड़ा

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