गरीब को हि क्यों
गरीब को हि क्यों |
आज हम उस विषय पर बात करेगें जहाँ किसी शख्स को जरा भी शर्म नहीं आती किसी गरीब को लुटते हुए आपको मेरी बात थोड़ी अजीब लगे लेकिन यह समाज का कड़वा सच है इसे कोई झुटला नहीं सकता,
उदहारण के लिए मैं आपको कुछ सच्चाईयों से अवगत कराना चाहता हूँ अगर कोई गरीब कभी किसी मुसीबत या आपत्ती में आ जाता है तो उसे खुद ही हर परेशानी का सामना करना पड़ेगा जैसे कभी कोर्ट कचहरी में उलझ जाये तो वह व्यक्ति किसी की पहचान भी नहीं बता सकता ताकी उसका काम आसान हो जाये क्यों की वह किसी भी बड़े व्यक्ति को समाज में नहीं जानता है, इसी लिऐ उस गरीब को उस झंझट से निकलने के लिऐ एक ही सहारा दिखाई पड़ता है कि जो भी उस से रिश्वत की मांग करे वह उनको पूरा करे इस तरह कोई गरीब हि लुटता है कभी अमीर नहीं,
आपको मैं एक और उदहारण से अवगत कराता हूँ कि आपने अक्सर यह देखा होगा की आप किसी गरिब से सौ रुपये की सब्जी खरीदते है तो कहते है कम से कम बीस रुपयै तो कम करो और वह गरीब हसते हुए आपकी बात मान लेता है वही किसी दुकान या मॉल से आप कम्पनी ( ब्रान्ड) का कोई भी सामान खरीदते है तो वह बड़ी-बड़ी कम्पनी आप से एक रुपया भी कम नहीं करेगी और आपके सामान के साथ जो बारदान देगी उसका भी आपसे पूर्ण वसूल करेगी तो मेरा कहना यह है की आप सिर्फ किसी गरीब को ही हर बार लुट सकते है या अपनी मर्ज़ी का सौदा कर सकते है क्यों की गरीब व्यक्ति यह सोचता है कि अगर मैं अपने सामान का दाम कम नहीं करूंगा तो मेरा सामान नहीं बिकेगा और मेरे बच्चे भूखे रहेंगे उस से अच्छा है मैं कम दाम में हि बेच देता हूँ ताकी जल्दी बिक जाये |
आपको यह भी पता होगा की कोई गरीब अगर ईमानदारी से अपना व्यवसाय करता है तो वह बहुत ही तकलिफो का सामना करता हैं, क्योंकि अमीर व्यक्ति की मदद को हर कोई सामने आ जाता है परंतु किसी गरिब की कोई मदद नही करता |
सरकार दावा करती है की हम देश से गरीबी हटायेगें पर मै कहता हूँ कैसे ? सरकारी दुकानो पर गेहूँ दौ रुपये किलो मिलते है और चावल पाँच रुपये किलो वह ठिक बात है परन्तु सिर्फ दो ही वस्तु से गृहस्थी नहीं चलती | आपने कभी यह सोचा होगा, कि वह गरीब व्यक्ति जिसकी एक दिन की कमाई महज सौ सवासौ रुपये होगी ,
जो प्रतिदिन आधा किलो (रिफाईंड) तेल चालीस रुपये में लाता होगा और आधा किलो दाल पच्चास रुपये की लाता होगा बाकी दुग्ध ,शक्कर आदि यह सब वह कैसे सम्हाभालता होगा,
जरा मेरी बात पर ध्यान दीजियेगा और कभी किसी गरीब को मत लुटीयेगा बस यही अनुरोध है आप सभी मित्रों से एक बार फिर से धन्यवाद आपका किमती समय आपने दिया .... अर्जुन प्रताप मेवाड़ा
101% Sahi hai bhai......,
ReplyDeleteI agree with you
धन्यवाद पड़ने के लिए
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